@Anita-dl4nq

बहुत सटीक कविता है आज के समाज की  यही सच्चाई है 😢

@pradeepraut686

गरिबी जेब से होती है, पर गुलामी दिमाग से
100% true ❤

@youtubemanishnatural8892

मैं पूरी तरह सहमत हूं❤
आजकल तो बस यही हो रहा है धर्म के नाम पर 
लोग बिकते जा रहे हैं उनको नेता लोग "लूटते" जा रहे हैं

@BeLookYc

ध्रुव राठी भाई भारत के लोगों को समझने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं इनको दिल से सलाम!❤❤😊

@Khushal435

दिल को छू लिया....सत्य बात l..

@ShardaSaini-rr1pu

बहुत ही शानदार कविता है आज के समय में समाज की यही सच्चाई है।

@RicchpalsinghJat

शानदार प्रस्तुति! साहब और गुलाम की इस कहानी में शक्ति संतुलन और सामाजिक संरचना का बहुत ही गहरा चित्रण है। इसे देखकर सोचने पर मजबूर होना पड़ा – क्या आज भी कहीं न कहीं यही संघर्ष जारी है?

@praveenbakrej4130

मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है 🎉❤❤

@vicky_gamerYt-8

भाई आपका कविता बहुत अच्छा है और धर्म के प्रति जागरूकता भी🙏

@India_that_is_Bharat

इसलिए राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले साहब ने गरीबी के बदले गुलामगिरी ग्रंथ लिखा है।
जो आज भी सही है।

@Rajacricketcompany

मैं हिंदू हूं पर किसी से नफरत नहीं करता क्योंकि मुझे ना किसी से खतरा है और ना मेरी संस्कार मुझे इजाजत देते हैं...l❤❤❤

@King.saidpurya

Andbhakt nhi manega bhaiya 😂

@shivansh3078

Humanity is best religion ❤

@suneetamishra8768

Salute Vijeta Dahiya for penning this revolutionary poem and salute Dhruv Rathi for turning it into such powerful imagery 🙏

@BUSHRAKHAN-is4rl

100 %Truth.

@TaskinRaza-u8i

हमें इस informative video se ye sikhne ko milta hai ki हमें apni soch ko badalne ki zaroorat hai. Brainwashing se bachna hai. Thank you Dhruv Rathee and his viewers.

@pritampaswanyt

Very nice poem by Vijeta Dahiya.👍🏼

@StoriesbySushma

बेहद विचारणीय

@Aahik_vlogs5

गरीबी जेब से होती है, पर गुलामी दिमाग से❤ 💯💯

@kirtibisht781

ध्रुव राठी भैया आपके कंटेंट बहुत इंस्पिरेशनल होते हैं